• Published : 09 Apr, 2016
  • Comments : 0
  • Rating : 0

पँखों की उड़ान अब अच्छी हैं,
तेरा अब इन तूफानों में उड़ना अच्छा हैं,
ये वो सपनें नहीं जो राह को देखते हैं,
ये वो पल है जो ज़िन्दगी को जीते,
तेरे पंख अब थकते नहीं,
ना अब डरते हैं इन खुले आसमां में खुलने को,
बहुत आंधिया आती हैं तेरी राहे तलाशते,
बहुत तूफां तुझे ढूँढ़ते हैं अब अक्सर,
तुझको आदत सी अब ये तलब लगी हैं,
इस खुले आसमां में ओर उड़ने की,
और ज्यादा पँख फैलाने की,
बादल भी अब तेरा इन्तिहाँ लेते हैं,
अक्सर काले काले से इस आसमां को करते हैं,
एक तू हैं की इस गरजते में भी उड़ता हैं,
भीगते पँखों में तेरी उड़ान अब ओर अच्छी हैं,
तेरी अब मंज़िल पाने की ललक अच्छी हैं,
पंखों की उड़ान अब अच्छी है,
पंखों की उड़ान अब अच्छी हैं ।

About the Author

Tarun Kumar Saini

Member Since: 03 Jan, 2016

...

View Profile
Share
Average user rating

0


Kindly login or register to rate the story
Total Vote(s)

0

Total Reads

910

Recent Publication
Aksar Dost Nahi Milte Hain
Published on: 09 Apr, 2016
Pankhon Ki Udaan
Published on: 09 Apr, 2016
Zindagi Ki Kitaab Hai Tanha
Published on: 07 Jan, 2016
Kuch Khwaabe Ishq
Published on: 07 Jan, 2016

Leave Comments

Please Login or Register to post comments

Comments