• Published : 27 Apr, 2024
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आकाश की ऊचाईयों में चमके तारे,

प्रेम की गहराईयों में बसे नजारे।

चलो, इक नयी कविता बुनें सपनों की,

जहां न किसी ने सुनी हो, वहां पहुँचें हम आज़ारे।

 

सूरज की किरणों में छिपी चाहत का प्याला,

फूलों के मधुर स्पर्श से भरे अपने प्याला।

हर बार नयी राहों का रंग दें सिरहाने,

ज़िंदगी के नए आयाम बनाएं पुराने ख्वाबों के प्यारे।

 

प्रकृति के संगीत में समाये रंग उजाले,

हवाओं के साथ झूमे रंगीन रूप अनोखले।

मिट्टी की खुशबू उठाए आंचल को आगे,

स्वप्नों की दुनिया में पाए नए आकारे।

 

अपनी आवाज़ बुलंद करें ज़मीं के नीचे,

हर धड़कन से गूंज जाए सबको वीर गीते।

जुबां पर फूलों की खुशबू बहें सदा,

प्रेम के सौंदर्य को लेकर चलें विचार की यात्रा में दिलसे।

 

चलो, एक नयी कविता लिखें आज़ अनजाने के नाम,

जहां न किसी ने सुनी हो, वहां बनाएं अपनी नयी कहानी।

विचारों की उड़ान को पकड़ें हाथों में हम,

जगाएं नयी रौशनी, चमकाएं नये सितारे।

 

 

About the Author

Satyam Sharma

Member Since: 13 Jun, 2023

Introduction: My name is Satyam Sharma, and I am currently pursuing my Bachelor's in Commerce (B.Com) in the first year. I completed my 11th and 12th grades in the commerce stream, which laid the foundation for my current academic pursuits. Educa...

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