• Published : 06 Sep, 2015
  • Comments : 1
  • Rating : 4.88

वो जो प्यार के लिए माँ से मुक जाते है,

उन्हें कौन समझाए,

माँ की दुआ के आगे भगवान भी झुक जाते है।

 

न जाने वो कितनो का खुदा कहलाएगा,

मर जाएगा, तो खुदा को क्या मुह दिखाएगा।

 

वो छप्पन भोग की दावत उसको यूँ ना भाई थी,

दाल रोटी जो उसने माँ के हाथ से खाई थी।

 

ये क्या करेंगे जो इतनी कमाई है,

मैने तो माँ की गोद में जन्नत पाई है।

 

कितने बद किस्मत है जो चार धाम जाते है,

हम नसीब वाले है, हर रोज़ माँ के पैर दबाते है।

 

वो जानती सब है, बस बोलती नहीं है,

राज़ मेरे आज भी वो खोलती नहीं है।

 

तकलीफ में होती है, पर जताती नहीं है,

गम अपने किसी को बताती नहीं है।

 

सब कुछ दे दिया, बदले में कुछ चाहती नहीं है,

प्यार बहुत करती है माँ, बस दिखाती नहीं हैं।।

 

About the Author

Abhay Raj Dawra

Member Since: 25 Aug, 2015

...

View Profile
Share
Average user rating

4.88 / 8


Kindly login or register to rate the story
Total Vote(s)

9

Total Reads

706

Recent Publication
Maa Jaanti Hai
Published on: 06 Sep, 2015

Leave Comments

Please Login or Register to post comments

Comments