• Published : 01 Sep, 2015
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आज फिर कुछ तो टूटा है मेरे सीने मै

आज फिर दिल किसी दर्द से करहाता है

आज फिर बेचैनियाँ है मेरी नींदों मै

आज फिर वो भूला शख्स याद आया है

 

यूँ तो मुद्दते हो गयी है  हमको बिछड़े

फिर भी हरदम वो आस पास  रहता है

मेरे हर अश्क मै आज भी बस वही सिसके

उसके गीतों को दिल भी गुनगुनाता है

 

मेरी रूहों मै है अब भी बसी उसकी खुश्बू

मेरी साँसों को पल पल वो ही महकाता है

कैसे छोड़ दूँ भला मै फिर उसकी आरज़ू 

जो मुझे पल पल ज़िन्दगी जीना सिखाता है

 

मैंने माना है फासले मीलो के नहीं सदियों के

है रस्ते भी अलग जैसे दो किनारे नदियों के

यह भी मुमकिन नहीं उसको भुला दूँ मै ऐसे

कोई रिश्ता कोई बंधन नहीं जोड़े हमको जैसे

 

वह मेरे साथ नहीं है यह भी सच ही है मगर

उसके एहसास से ही मेरी बस होती है गुज़र

यह जो नाता है, है नहीं बस यह ज्सिमो का

यह फलसफा है एक दिल के दो बिछड़े हिस्सों का!!!!

 

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Meetu Nadir

Member Since: 27 Aug, 2015

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